Madhu varma

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लेखनी कविता - मुर्ग़ी और नेता - काका हाथरसी

मुर्ग़ी और नेता / काका हाथरसी 


नेता अखरोट से बोले किसमिस लाल
 हुज़ूर हल कीजिये मेरा एक सवाल
 मेरा एक सवाल, समझ में बात न भरती
 मुर्ग़ी अंडे के ऊपर क्यों बैठा करती
 नेता ने कहा, प्रबंध शीघ्र ही करवा देंगे 
 मुर्ग़ी के कमरे में एक कुर्सी डलवा देंगे

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